अन्नाभाऊ साठे : कैडर कैम्प से निकला वैश्विक नेता

एक जुट का नेता हुआ मजदूर तैय्यार!

बदलने दुनिया सारी गरज रही ललकार!

सदा लडे, मरने से उसे ना मिले शांति

मर मर के दुनिया सजा के जीने की भ्रांति

उठा क्रोध से लडाई लडने

तूफान बाँध कर बाँध तोडने

निश्चय हुआ पैर उठे

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