क़ुरआन समझने की शर्त उसे खाली जेहन होकर पढ़े !

क़ुरआन अल्लाह की तरफ से उतारी गई एक दावती किताब है। अल्लाह तआला ने अपने एक बन्दे को सातवीं सदी ईसवीं की पहली तिहाई में एक ख़ास कौम के अंदर अपना नुमाइंदा बनाकर खड़ा किया और उसे अपने पैग़ाम की पैग़ाम्बरी (संदेशवाहन) पर मामूर

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क्या क़ुरआन में इशनिंदा कि कोई सज़ा भी हैं?

ए दिन इशनिंदा के मामलो को लेकर दुनिया में इस्लाम पर आपत्ती उठाई जाती हैं जब भी कोई इस्लामी देशों मे इस तरह के मामले सामने आते हैं, तब मुसलमानों के धर्म और उनके पवित्र ग्रंथो पर टिप्पणी कि जाती हैं

जबकि

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