इतिहास को लेकर आप लापरवाह नहीं हो सकते !

किताबीयत : वाईस ऑफ डिसेंट 

सहमतियां कभी बग़ावत में नहीं बदल सकीं। जिस व्यवस्था के सामने खड़ी हुई हैं, आगे चल कर उसी का हिस्सा हो जाती हैं। हर सभ्यता में असहमति की अपनी परंपरा रही है। एक सीधी रेखा में चलने वाली

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