सामाजिक-सांस्कृतिक जड़े हिलाने वाले ‘दलित पैंथर’ के पचास साल

त्ताधारियों द्वारा जाति वर्चस्व की मानसिकता को समर्थन दिया जाता है, मजदूर वर्ग में बेरोजगार युवाओं को उकसाया जाता है और दलितों पर हमले किए जाते हैं, यह हालात 50 साल पहले भी मौजूद थे। जब दलित पैंथर बना, तब से ही संगठन ने …

यहाँ क्लिक करें