औरंगाबाद के वली दकनी उर्दू शायरी के ‘बाबा आदम’ थें

रंगाबाद में जन्मे वली दकनी उर्दू शायरी के पितामह माने जाते हैं। मौलाना मुहंमद हुसेन आजादने उन्हें उर्दू का पहला कवि कहा है। वली के जिंदगी को लेकर विद्वान तथा साहित्यकारों मे कई मतभेद नजर आते हैं।

आज भी वली को

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दकन के महाकवि सिराज औरंगाबादी

सिकंदर अली वज्द और वली दकनी के बाद सिराज औरंगाबादीमध्यकाल के तिसरे ऐसे बडे कवि थे, जिन्होंने दकनी भाषा को काव्य के लिए चुना था। उनका जन्म ईसवी 1712 में औरंगाबाद में हुआ। उनका मूल नाम सय्यद सिराजुद्दीन नाम था

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