बेगुनाह मुसलमानों के दर्द भरी दास्तानों का दस्तावेज

किताबीयत : बाइज़्ज़त बरी

क्कीसवीं सदी की शुरुआत से ही देश के अंदर चरमपंथ की घटनाओं में अचानक इजाफ़ा हुआ और आरोपी के तौर पर लगातार मुसलमानों की गिरफ़्तारी हुई। जब भी देश के अंदर कहीं चरमपंथ की कोई घटना घटती, मुसलमानों को

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