नाम बदलने के राजनीति की भेंट चढ़ती जनता

मुल्क के सियासतदान अपने-अपने राज्यों में शहरों के नाम बदलने में मसरूफ हो रहे हैं मानो यह विकास का नया फॉर्मूला है। इस फॉर्मूले से शहर की सड़कों, पानी, बिजली और यातायात की तमाम समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।

मौजूदा शहरों के …

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शहरों या राज्यों का नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया

गर आप सोच रहे हैं कि किसी भी शहर का नाम बदलने के ऐलान के साथ ही उस का नाम बदल जाता है तो आप गलत हैं। किसी भी शहर का नाम बदलने के लिए एक प्रक्रिया का पालन किया जाता है। बिना यह …

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नाम बदलने के तर्क, या चुनावी कवायद !

विलियम शेक्सपियर ने एक बार कहा था, “नाम में क्या रखा है? किसी चीज का नाम बदल देने से भी चीज वही रहेगी। गुलाब को किसी भी नाम से पुकारो, गुलाब ही रहेगा।” लेकिन लगता है कि नाम में बहुत कुछ रखा है। व्यवहार, …

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औरंगाबाद के इतिहास को कितना जानते हैं आप?

न दिनों महाराष्ट्र कि सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले औरंगाबाद के शहर की चर्चा आम हैं। बीते तीन दशक से इस शहर के नाम बदलने कि कोशिशे चल रही हैं। पर इस शहर के विकास का इतिहास क्या हमें ज्यादा कुछ पता नही है

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शिक्षा और भाईचारे का केंद्र रही हैं पनचक्की

वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार से औरंगाबाद शहर ऐतिहासिक तथा औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है उसी प्रकार मध्ययुग में इसी शहर में स्थित ख्वानकाहपनचक्की को अंतरराष्ट्रीय स्तर का आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र माना जाता था।

जीवन मार्ग की शिक्षा प्राप्त

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औरंगाबाद कि शुरुआती दौर की बेहतरीन इमारतें

लिक अंबर (Malik Amber) ने सन 1616 में अपने निवास के लिए खाम नदी के किनारे एक अलिशान खुबसुरत महल बनवाया था। जिसका नाम ‘नवखंडा महल’ (Naukhanda Palace) था।

इस महल के नौ हिस्से थेइसीलिए यह ‘नवखंडा

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