आज तक मुंबई में भटकती हैं मंटो की रूह

आदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसाना निगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं आज भी पाठकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। 43 साल की छोटी सी जिन्दगानी में उन्होंने जी भरकर लिखा। गोया

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दकनी को बड़ा ओहदा दिलाने वाले तीन कुतुबशाही कवि

कुली कुतबशाह कला और साहित्य का बडा भोक्ता था। वह खुद एक अच्छा कवि था। जिसने कई बेहतरीन रचनाएं कि हैं। उसके बारे में कहा जाता हैं कि उसने शायरी और कविताओं को फारसी के चंगुल से छुडाया हैं और दकनी और

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