छोटे भाई टैगोर की मुख़रता से स्वर्णकुमारी रही उपेक्षित लेखिका

बात कितनी अजीब थी कि अच्छे परिवार, वैचारिक और आर्थिक समृद्धता, अपने राष्ट्रवादी विचारों और उदार दृष्टि के बावजूद स्वर्णकुमारी देवी (28 अगस्त 1855 – 3 जुलाई 1932) को अपने ही परिवार से वैसा उत्साहवर्द्धन नहीं मिला, जिससे वह

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