महात्मा गांधी ने विनोबा को चुना था ‘पहला सत्याग्रही’

विनोबा भावे मशहूर भूदान आंदोलनके लिए जाने जाते हैं। इस आंदोलन से उनकी पहचान जनमानस में स्थापित हो गई। विनोबा महान जंग ए आज़ादी के सेनानी औऱ सामाजिक कार्यकर्ता थे। वे गांधी के परम अनुयायी भी थे। साल 1940 में महात्मा

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जामा मस्जिद में आज़ाद का भाषण : ‘तब्दीलियों के साथ चलो’

अंग्रेजी सरकार द्वारा आज़ादी मिलने के बाद भारत में सांप्रदायिक शक्तीयों के कारनामे जोर पकड़ रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप स्थानिक मुसलमान वहशत में आ गए थे। उन्हें अपने अस्तित्व के साथ अस्मिता का संकट सता रहा था। ऐसे में कई लोग अपना वतन छोड़कर पड़ोसी

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बारा साल की उम्र में ही सरोजिनी नायडू को निज़ाम ने दिया था वजीफा

भारत कोकिला की उपनाम से सुपरिचित सरोजिनी नायडू की कविताओं में प्रेम एक सरस-सहज प्रवाह की तरह दिखाई देता है। प्रेम की यह उपस्थिति उनके लिए केवल कविताओं का विषय नहीं थी।

डॉ. अघोरनाथ चट्टोपाध्याय की बेटी और गोपालकृष्ण गोखले की शिष्या सरोजिनी के

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